जो होता है अच्छा होता है
एक बार अख़बर और बीरबल शिकार पे जा रहे होते हैं। और अख़बर का अंगूठा कट जाता है। तलवार निकालते वक़्त…वो वॉखला जाता। चीखने-चिल्लाने-लग जाता हैं
कहता-हैं सिपाहियों जल्दी जाओ-जाकर वेद को बुलाकर लाओ देखो मेरा अँगूठा कट गया है!
देखो मेरी क्या हालत हो गयी। उधर से बीरबल आता है। हँसता हुआ,बोला- महाराज जो होता हैं। अच्छे के लिए होता है।
अख़बर-बीरबल तू क्या पागल हो गया है, मैं तुझे अपना समझता था और तू कैसी बेकार बातें कर रहा है।
अख़बर- एक काम करो सिपाहियों वेद को छोड़ो पहले इस बीरबल को ले जाओ ले जाकर के इसे उल्टा लटका दो पूरी रात के लिए और इसको कोड़े मारते रहना… और सुबह-सुबह इसको फाँसी दे देना।
सिपाही ले जाते हैं। बीरबल को…..उधर से अख़बर शिकार पे अकेला चला जाता है। अख़बर को कुछ आदिवासी पकड़ के ले जाते हैं।और उल्टा कर के लटका देते हैं। अब वहाँ आदिवासीयो का डांस चल रहा हैं।
इतने में एक आदिवासी की नज़र पड़ती हैं! अख़बर के कटे हुए अंगूठे की तरफ़। आदिवासी-अरे ये तो आसुद हैं।
हम इसकी वली नहीं चढ़ा सकते छोड़ दो इससे अख़बर को छोड़ दिया जाता हैं। अब अख़बर रो रहा है सुबह का टाइम हो चुका है।
अब तक तो बीरबल को फाँसी लग गई होगी। अख़बर चीख-पुकार रहा है। बीरबल-बीरबल………कहते हुए भागता हुआ आ रहा है। आके देखता है के बीरबल को फाँसी लगने वाली ही है रस्सी बंध चुकी हैं।
अख़बर जाकर के बीरबल के पैर पकड़ लेते हैं।
कहता है बीरबल मुझे माफ़ कर दो तुम ठीक कहते थे जो होता हैं अच्छे के लिए होता हैं।
देखो आज मैं तुम्हारी वजह से ज़िंदा हु और मुझे देखो मैं कितना घटिया इंसान हु
मैने तुम्हारा कितना बुरा हाल कर दिया।
बीरबल-टूटी-फूटी हालत में महाराज जो होता है। अच्छे के लिए होता हैं। अख़बर एक दम चौंक जाता हैं। अख़बर-बीरबल तू क्या पागल है क्या?
क्या बोल रहा है। जो होता है अच्छे के लिए होता इसमें अच्छा होने वाली क्या बात हैं? बीरबल- महाराज इसमें ये अच्छा है। अगर मैं आपके साथ गया होता तो वो लोग मेरी वली चढ़ा देते।
Moral Of This Story
कई बार हमारी ज़िन्दगी में भी बहुत सी ऐसी बातें हो जाती हैं। जो उस वक़्त तो हमें बुरी लगती हैं। लेकिन आगे जाके हमें मालूम पड़ेगा के वो जो हुआ था हमारे अच्छे के लिए ही हुआ था।
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